The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
जन्म जन्म के पाप नसावे। shiv chalisa lyricsl अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।